हिन्दी का दायरा वैश्विक हो और राष्ट्रभाषा के अलंकरण से हिंदी का मान बढ़े। इसी उद्देश्य से हिन्दी साहित्यकारों का एक समूह, साहित्यकारों का एक लिखित संगम 'मातृभाषा उन्नयन संस्थान' के तत्त्वावधान में एक राष्ट्रव्यापी साहित्यकारकोश तैयार किया जा रहा है।
हिंदी के साहित्यकार आपस में एक दूसरे से जुड़ें, सब मिलकर हिन्दी भाषा की सतत समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध रहें, इसी उद्देश्य की सार्थकता के लिए भारत के हर राज्य, जिले, नगर, ग्राम से हिन्दी रचनाकारों का परिचयकोश संकलित होकर सभी के लिए उपलब्ध रहेगा। इसका प्रकाशन संस्मय प्रकाशन से होगा। भारत में रहने वाले रचनाकार अपना परिचय या अपने शहर के साहित्यकारों, कवियों, लेखकों आदि का परिचय भेज सकते हैं। इसके लिए किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
भारत में पहली बार अपनी तरह का अनूठा साहित्यकार कोश बन रहा है । पांच सौ से ज्यादा पृष्ठों के इस बहुपयोगी कोश के प्रकाशन के लिए देश के विभिन्न राज्यों में कार्यरत लेखक / कवि /साहित्यकार / कथाकार / रचनाकार / ग़ज़लकार / साहित्यिक संस्थान / प्रशिक्षण संस्थान आदि के नाम और पते संकलित किए जाने का काम तेजी से चल रहा है। इस कोश का संपादन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ और राष्ट्रीय महासचिव और भाषा-विज्ञानी कमलेश कमल कर रहे हैं। अब तक प्राप्त प्रविष्टियों के आधार पर ही ये कोश भारत का सबसे बड़ा साहित्यकार कोश बन चुका है जो कीर्तिमान है। सभी साहित्यकार अपना और अपने संस्थान, वेबसाइटों, आदि का संपूर्ण विवरण ईमेल – hindisahityakarkosh@gmail.com पर निश्चित रूप से भेज दें ताकि उसे “साहित्यकार कोश” के प्रथम संस्करण में ही शामिल किया जा सके।