- संगोष्ठी के उपविषय –
- छायावाद से पूर्व हिन्दी साहित्य की भाषा
- भारतेन्दु और द्विवेदी युग की खड़ी बोली
- खड़ी बोली का समृद्ध युग : छायावाद
- छायावाद के मुख्य स्तम्भ-प्रसाद और पंत
- छायावाद के स्तम्भ निराला और महादेवी वर्मा
- छायावाद की भाषिक संरचना और शिल्प-विधान
- छायावाद शब्द शिल्पी : सुमित्रानंदन पंत
- छायावाद और पश्चिमी प्रभाव
- छायावाद और नारी
- छायावाद एवं ऐतिहासिकता
- छायावाद का समग्र मूल्यांकन
- हिन्दी व अंग्रेजी के छायावाद में समानता एवं असमानता
इन विषयों में से किसी भी एक विषय पर शोध सार और शोध-पत्र आमंत्रित किए जाते हैं जो कि संलग्न प्रपत्र के साथ अधिकतम 200 शब्दों का होना चाहिए। आलेख की प्रति कम्प्यूटर टंकण वाली इलैक्ट्रॉनिक प्रति होनी चाहिए। सभी आलेख को सीधे राष्ट्रीय संगोष्ठी ई-मेल nationalhindiseminar2019@gmail.com पर भेजा जा सकता है। प्रस्तावित शोध पत्र Krutidev 010 फॉन्ट में 14 पॉइंट साइज में डबल लाइन स्पेस के साथ अधिकतम 3000 शब्दों में भेजें।
– व्याख्याताओं हेतु – रुपए 800/-
– शोधार्थी हेतु – रुपए 400/-
– स्नातकोत्तर विद्यार्थी हेतु – रुपए 300/-
– आयोजन स्थल पर पंजीकरण – रुपए 1000/-